मेरा नाम प्रिया है बात आज से एक साल पहले की है। मैं शहर में नई थी तो मैंने हॉस्टल के बजाय एक प्राइवेट कोलोनी मे रेंट पर रूम ले लिया।उस घर में अंकल, आंटी और एक बेटा रहता था. मुझे उन्होने पहली मंजील पर कमरा दिया था। मेरा एक साल बडे ही मुश्किलो से आंटी के साथ गुजरी क्योंकि आंटी से मैं हर तरह की बात नही कर सकती थी। फिर एक दिन मकान मालकिन के बेटे की शादी हुई और बहू आ गई जिस से मेरी कुछ ही दिनो में उनकी बहू से मेरी पक्की वाली दोस्ती हो गई। उसका नाम पूजा था रस्मो और रिवाजो में दिन बडी जल्दी गुजर गए और आनन फानन में पूजा को अपने मायके जाना पडा।कुछ दिन के बाद जब पूजा अपनी ससुराल आई तो फिर हम दोनो घंटो बैठकर गप्पे मारा करती थी।मेने पूजा
सेकहा- भाभी, आपकी सुहागरात कैसी रही? पूजा कुछ उदास होकर बोली- प्रिया जी, मेरी तो जीन्दगी ही बर्बाद हो गई ऐसे आदमी से शादी करके! मैं- क्यों ऐसा क्या हुआ? परिवार तो अच्छा खासा पैसे वाला है और भैया का स्वभाव भी काफि अच्छा है! पूजा नेकहा- प्रिया जी, सुहागरात पर कोई पत्नी पति के पैसे के साथ साथ पति से कुछ और भी चाहती है क्योकि सुहागरात सिर्फ दो शरीर का ही नही दो आत्माओ का मिलन भी होती है लेकिन जब पति पत्नी के सामने नपुसक हो तो पत्नी की जिंदगी बर्बाद नही तो क्या आबाद होगी? प्रिया जी, मैंने आपके भैया का साप हर तरह से खडा करने की कोशिश की लेकिन कोई फायदा नही हुआ। अब तुम ही बताओ कि ऐसी सूरत में सुहागरात कैसे मना सकती थी?
मैं- भाभी, इसका मतलब आप तो वर्जिन ही रह गई? पूजा- नही प्रिया जी, मैं वर्जिन नहीं हूँ। मैं- समझी नहीं पूजा भाभी कि आप क्या कह रही हो? पूजा- प्रिया जी, कॉलेज के समय मैं और मेरी कुछ सहेलियो का मन पेलाई के लिए करता था और हमारे हॉस्टल कि ज्यादातर सीनियर लडकिया पेलाई पार्टी के लिए मार्केट से कोलबोय बुलवाती थीं. मैं- कोलबाय? पूजा- हा एक दिन हमारे होस्टल मे एक कोलबाय आया जिसका साप काफी लम्बा और बहुत मोटा था. वो लगातार देर तक बिना थके पेलाई करता था. मेरी गुफा की सील उसी ने तोडी थी. लेकिन दूसरी बार उसको बुलाने पर पता चला कि वो बहुत महंगा पडता है. इसलिए किसी किसी कोलबोय से पेलवाया लेकिन खास मजा नही आया क्योकि उन मे से कोई भी उस जैसा नहीं पेल पाया जैसा वो पहले वाला पेलता था। तब से मैं उसे ही बुलाती हूँ बदले मे अगर ज्यादा पैसे लेता है तो मजा भी अच्छा खासा देता है। मैं- पूजा भाभी, आप तो बहुत एडवांस हो?
पूजा- प्रिया जी, पेट की आग तो रोटी से बुझ जाती है लेकिन बिल के लिए तो साप ही चाहिए ना! मैं- हा, यह तो सही बात है. लेकिन मैं तो अपनी आग को उंगली से बुझाने की कोशिश करती हूँ. मैंने आज तक साप के बारे में सोचा भी नही! पूजा- इसका मतलब तुम अभी तक कुंवारी कोलेज गर्ल हो? मैं- हा भाभी! पूजा- सच में तुमने अभी तक गन्ने का स्वाद नहीं चखा? मैं- नहीं भाभी। पूजा- लेना चाहोगी या नहीं? मैं- नहीं भाभी मुझे बहुत डर लगता है अगर मेरी फट गई तो? पूजा- आज नहीं तो कल फटेगी क्योंकि साप तो बिल या पिछवाडे को फाडकर ही घुसता है। मैं- हा भाभी, बात तो सही है लेकिन डर लगता है कि पता नहीं उस लडके का कितना बडा होगा? पूजा- यार प्रिया, उसका बडा तो बहुत है और काफि मोटा भी।
मानती हूँ कि शुरू में आपको बहुत दिक्कत होंगी लेकिन अगर शुरू का दर्द झेल सको तो मुझे यकीन है कि बाद में बहुत मजा आएगा। मैं पहले तो मैं कुछ देर के लिए शांत रही लेकिन पूजा भाभी ने काफि जोर देकर बार बार पूछा तो बोल दिया- ओ के, आप बुक करके उसे बुलाओ जो होगा देखा जायेगा। थोडी ही देर में पूजा भाभी ने उस लडके को कोल किया और उसे सब कुछ बता दिया. उस लड़के का नाम बिपिन था. तो फोन पर वो लडका बोला- मैडम, मैं अभी एक अन्य क्लाइंट अटेंड करने जा रहा हूँ। अगर आपका फोन 2 दिन पहले आया होता तो मैं आपकी बुकिंग कर लेता। खैर कोई बात नहीं, मैं आपके पास कल परसो में फ्री होकर आता हूँ। मैं- भाभी अपने उसे आने के लिए तो बोल दिया लेकिन घर में सभी लोग है और ये सब कैसे होगा? पूजा- डरो नहीं, इसका भी मेरे पास इंतजाम है। पास में मेरी एक सहेली रहती है. हम दोनो ही नितिन को बुलाकर उसके फार्महाउस पर खूब पेलवाती थी। मैं उसे अभी फोन किये देती हूँ. ओ के। अब मैंने और पूजा भाभी ने अपनी अपनी बाते बंद की और मैं अपने कमरे मे
आई. आते ही सबसे पहले मैंने अपनी सलवार और चड्डी उतारी और वीट क्रीम से अपनी गुफा को चिकना किया और कपडे पहनकर सो गई। अगले दिन सुबह ही करीब दस बजे पूजा भाभी मेरे कमरे में आई और बताया कि नितिन कुछ ही समय में मेरी सहेली के फार्महाउस पर पहुचने वाला है. इसलिए आप फटाफट से रेडी हो जाओ, हमे निकलना है। मैं तुरंत ही तैयार हुई और मैंने सभी कपडे गुलाबी रंग के पहने और पूजा भाभी के साथ कार से चली गई। थोडी ही देर में मैं और पूजा भाभी उनके सहेली के घर पहुच गई और तुरंत ही उनको को साथ लेकर उसके फार्महाउस पर पहुच गए। ऐसा मोडर्न फार्महाउस मैने पहली बार देखा था जिस में हर तरह का सामान मौजूद था। उस फार्महाउस पर सहेली का केयरटेकर और उसका एक दोस्त था जिसे मान्या ने तुरंत ही छुट्टी पर भेज दिया. 20 मिनट बाद ही वो नितिन नाम का लडका आ गया। वह एकदम से लम्बा चौडा मिलिट्रीमेन जैसा दिखता था। सबसे पहले वो सहेली और पूजा भाभी से गले मिला. और बाद में सहेली और पूजा
भाभी ने नितिन से मेरा परिचय करवाया. तो उसने मुझसे औपचारिकता पूर्वक मुझसे हाथ मिलाया. पूजा भाभी ने कहा- नितिन, प्रिया भी तुम्हारी नई क्लाइंट है इसलिए उससे हाथ नही मिलाओ बल्कि अपने गले लगाओ! तो नितिन ने मुझे अपने गले लगाया और अपने सीने से मेरे दूध रगड दिए जिससे मुझे एकदम अजीब सा लगा। फिर पूजा भाभी और सहेली दोनो ही बिल्कुल बीना कपडो के हो गई और उन दोनो ने नितिन को भी बिल्कुल बीना कपडो मे कर दिया।
जैसे ही मेरी नजर नितिन के बदन पर पडी तो उसे देखकर एकदम दंग रह गई उसका सिकुडा हुआ साप काफि बडा और मोटा था।
मैं सोचने लगी कि जब सिकुडा हुआ ही इतना बडा है तो खडा होने के बाद कितना बडा होगा?
तो मैं तुरंत ही पूजा भाभी के पास गई और बोली- भाभी, मुझे नही करना क्योकि इनका साप बहुत बडा है. मैं तो मर ही जाऊँगी और मैं अभी मरना नही चाहती। सहेली, नितिन और पूजा भाभी ने समझाया- प्रिया, साप से कोई नही मरती. और ना ही कोई आज तक मरी है। मुझे और सहेली को देखो, हम दोनो की बिल की गुफा ऐसे ही नही बनी है। पहले हमारा बिल भी तुम्हारी तरह ही था. लेकिन आज हमे हर तरह का साप लेने में कोई दिक्कत नही होती बल्कि उल्टा मजा आता है. लेकिन पहली बार में तो सबको दर्द होता है। अगर छोटे साप से पेलाई होती तो भी दर्द होता लेकिन वो ज्यादा मजा नही दे पाता पेलाई का असली मजा लडकी की नाभी तक साप की चोट पहुंचना है इसलिए मेरी सलाह मानो और कम से कम एक बार इसका साप अपने बिल मे जानेदो मैं डरती डरती तैयार हो गई। फिर नितिन ने क्रिकेट खेलने की शुरूआत की ओर मेने रोने की क्युकी इस मैच मे मुझे बहुत दर्द हुआ और फिर धीरे धीरे मजा आने लगा


