मैं एक कंपनी में अपने पर्सनल सेक्रेटरी हूं और सुबह शाम में सिटी बस से ही ऑफिस आती जाती थी. सुबह-शाम सिटी बस में काफी खचाखच भीड़ होती थी जिस कारण मैं बस के गेट के साथ ही पीछे के हिस्से में राइट हैंड पर एक छोटा पार्टीशन थी जहां पर सीटें नहीं थी, सिर्फ खड़े होने की जगह थी, उस हिस्से में ही घुस कर खड़ी हो जाती थी. इस दौरान खचाखच भीड़ में काफी लोग मेरी चूचियों, पर हाथ साफ कर दिया करते थे लेकिन बस में खचाखच भीड़ होने के कारण मैं चुप रहती. मैं कई दिनों से नोटिस कर रही थी कि एक 55 साल के आसपास उम्र का आदमी हमेशा मेरे साथ ही टच होकर अपना केला मेरे पिछवाड़े की दरार में सटा कर खड़ा होता था. शुरू शुरू में मैं उसको गुस्से से देखती थी लेकिन धीरे-धीरे उसकी हरकतों से मुझे अजीब सा आनन्द आने लगा था. और इस दौरान हमारी आपस में बातचीत शुरू हो गई उसने बताया कि उसका नाम प्रवीन है वह सरकारी दफ्तर में एक इन्वेस्टिगेशन ऑफीसर है.
इसलिए मैं बस में आते जाते उससे खुलकर बातें करने लगी थी. वह भी अक्सर मेरे पीछे खड़ा होकर अपने केला से मेरे पीछे ठोकर मारता रहता था और मौका देखकर मेरी चूचियों को भी दबा दिया करता था जिसमें मुझे आनन्द आने लगा था. अब वह खचाखच भीड़ में मनचलों लोगों से मेरी हिफाजत भी करने लगा था इसलिए मैं उसकी तरफ आकर्षित होती चली गई. हमने अपने फोन नंबर भी आपस में एक्सचेंज कर लिए थे. और कई बार ऑफिस में काम ज्यादा होने की वजह से लेट हो जाती थी तो वह मुझे फोन पर पूछ कर मेरे साथ ही आता था इसलिए मुझे अंधेरा होने पर भी उसका साथ मिल जाता था. इस टाइम बस में भीड़ कम होती थी और हम बस में पीछे वाले हिस्से में ही खड़े होते थे. उस टाइम उस हिस्से में कोई और नहीं होता था. इसका फायदा उठाकर प्रवीन मुझे अपनी बाहों में भर कर मेरे होठों पर लंबा चुंबन ले लिया करता था. मस्ती में आकर मैं भी उसे सहयोग करने लगी थी. मैं ऑफिस में पर्सनल सेक्रेटरी होने के कारण अक्सर साड़ी और स्कर्ट पहनती थी
जिस कारण मेरा रूप सौंदर्य और खिलकर लोगों की आंखों में हवस की आग भर देता था, एक दिन लेट होने के कारण हम दोनों बस के पिछले हिस्से में थे. उस दिन मैंने स्कर्ट पहनी हुई थी जिसमें आगे की तरफ एक लंबा कट था. उस दिन प्रवीन मुझे अपनी बाहों में भींच कर मेरे रस भरे होठों को चूस रहा था मेरे टॉप में अपना हाथ डाल कर मेरे चूचियों को मसल रहा था. मेरे अंदर चिंगारी भर कर लावा फूटने लगा था. तभी प्रवीन ने अपनी पैंट की जिप खोलकर अपना लंबा मोटा केला निकाल मेरे हाथ में दे दिया. मैं हैरान होकर उसके लंबे मोटे फौलादी केला को हाथ में लेकर हिलाने लगी थी और हैरान थी इस उम्र में भी उसका केला इतना फौलादी था! प्रवीन अपने हाथ से मेरे पिछवाड़े और मेरी बिल्ली को सहला रहा था. उसने मेरी स्कर्ट ऊपर को उठानी चाही तो मैंने उसे रोककर अपनी स्कर्ट को घुमा कर आगे वाला लंबा कट पीछे कर दिया जिससे मेरे स्कर्ट बिना उठाए आधे से ज्यादा मेरी बिल्ली उसे दिख जाएं और प्रवीन अपना केला मेरे टांगो के बीच में देकर हल्के हल्के से धक्के लगाने लगा. मेरी बिल्ली पानी छोड़ कर काफी गीली हो चुकी थी.
मैंने मौके की नजाकत को देखकर अपनी टांगें चौड़ी कर ली और आगे को झुक गई. अब प्रवीन का केला मेरी बिल्ली के मुंह पर ठोकर मार रहा था. प्रवीन अपने केले को हाथ से पकड़ कर मेरी बिल्ली के मुंह पर सेट कर मुझे इशारा किया तो मैं अपने दांत भींच कर आने वाले दर्द को सोच कर तैयार थी. तभी प्रवीन ने अपने केला को जोर का धक्का दिया. केला मेरी बिल्ली के मुंह पर जोर से ठोकर मार कर फिसल गया और मेरे मुंह से आह निकल गयी. मैं आगे को खिसक गई. फिर प्रवीन ने मेरे हाथ में अपना केला देकर इशारा किया तो मैंने प्रवीन का केला पकड़ कर अपने गोटे के नीचे से मेरी बिल्ली के मुंह पर लगा कर प्रवीन को उसका केला दबाकर इशारा किया. तो प्रवीन ने फिर से तगड़ा धक्का दिया. इस बार भी प्रवीन का केला मेरी बिल्ली के मुंह पर चोट मारता हुआ फिसल गया. ऐसे मैंने और प्रवीन ने 6 – 7 बार कोशिश की लेकिन प्रवीन का फौलादी मोटा लंबा केला हर बार मेरी बिल्ली के मुंह पर जोर से चोट मारकर फिसल जाता. इस तरह मेरी बिल्ली दुखने लगी थी. मेरी बिल्ली
कुंवारी और टाइट होने के कारण प्रवीन का केला घुस नहीं पा रहा था. अब हमारा स्टॉप भी आने वाला था इसलिए हमने अपने कपड़े ठीक कर के अपने आप को संभाला. उस सारी रात में प्रवीन के फौलादी केला के बारे में सोचती रही और मीठे मीठे सपनों में सो गई. मैं यह भी सोच रही थी कि अगर प्रवीन का फौलादी केला बस में मेरी बिल्ली में घुस जाता तो मेरी चीखें निकलने के कारण बस वालों को पता चल जाता. यह बात मैंने अगले दिन फोन पर प्रवीन को बताई तो प्रवीन को पता चला कि मैं कुंवारी हूं. प्रवीन ने फोन करके बताया कि तीन हॉलीडे एक साथ पड़ रहे हैं.
उसने 3 दिन की और छुट्टी लेकर पूरा सप्ताह मेरे साथ अपने फार्म हाउस पर प्रोग्राम बनाया. मैं प्रवीन को मना नहीं कर पाई और मैं भी 3 दिन की और छुट्टी लेकर पूरा सप्ताह उसके फार्म हाउस पर जाने के लिए पार्लर से वैक्सिंग फेशियल वगैरह काम करा कर तैयार हो गई. उस दिन प्रवीन ने स्पेशल मुझे साड़ी पहनने के लिए बोला था. तय समय पर मैं पहुंची तो प्रवीन अपनी कार लेकर मेरा इंतजार कर रहा था. मुझे इस रूप में देखकर वह खुशी से फूला नहीं समा रहा था. मैंने उस दिन नारंगी साड़ी ब्लाउज और उसी रंग चूड़ियों का सेट पहना था. मैचिंग हेयर स्टाइल और फुल
मेकअप में थी मैं! मेरे कार में बैठते ही प्रवीन ने आगे बढ़कर मेरे होठों पर एक किस किया. फिर प्रवीन ने कार चला कर आगे मार्केट में एक किनारे रोक रोक कर वह कुछ सामान लेने चला गया. वापस आया तो उसके हाथ में तीन रम की बोतल और खाने-पीने का ढेर सारा सामान था. फिर 5 घंटे की ड्राइव करके हम प्रवीन के फार्म हाउस पर पहुंच गए. वह एक छोटा लेकिन बहुत ही अच्छा फार्म हाउस था.
उसमें बीचोंबीच थ्री बैडरूम सेट बना हुआ था और फार्म हाउस के बीचों-बीच एक स्विमिंग पूल भी था. फार्म हाउस का मेनगेट बंद करने के बाद प्रवीन ने मुझे मेरी साड़ी खींचकर अपनी बाहों में भर लिया इस कारण मेरी दोनों चूचियां प्रवीन के सीने में दब गई. उसने अपने होंठ मेरे होठों से लगाकर एक लंबा किस ले लिया. मैं भी अपनी बाहों का हार बनाकर उसके गले में डाल उसको सहयोग करने लगी. काफी देर तक मेरे होंठ चूसने के बाद उसने मुझे अपनी बाहों में उठा कर बेडरूम में बेड पर लिटा दिया और मेरे
ऊपर आ वह लगातार मेरे होंठों को चूस कर और अपने हाथों से मेरे चूचियों को दबाने लगा जिस कारण मेरे होठों से सिसकारियां निकलने लगी. फिर उसने मेरे ब्लाउज की डोरियों खींचकर ब्लाउज अलग कर दिया, साथ ही साथ मेरे पेटीकोट का नाड़ा खींच कर उतार दिया. अब मैं प्रवीन की बाहों में ब्रा पेंटी में रह गई थी. प्रवीन लगातार मेरे होंठों को चूस रहा था जैसे कि वह मेरे जिस्म को देखकर अपने होशोहवास खोकर पागल सा हो गया था. उसने जल्दी ही अपने कपड़े उतारे और नंगा हो गया. फिर मेरी ब्रा पैंटी भी उतार दी. अब हम दोनों बेड पर एक दूसरे की बाहों में नंगे थे. प्रवीन एक चूची मुंह में लेकर चूसने था दूसरी चूची को अपने हाथों से मसल रहा था. मेरे अंदर एक लावा सा भर गया था जिस कारण मेरी बिल्ली काफी गीली हो चुकी थी. मैं मन ही मन डर रही थी कि फुल सेक्स में प्रवीन का लंबा मोटा केला मेरी बिल्ली में कैसे घुस पाएगा. प्रवीन ने मेरी दोनों चूचियों पर लाल लाल निशान डाल दिए थे और अपने दांतों से काटने का भी … लेकिन प्रवीन बारी बारी से मेरे होठों को और मेरी दोनों चूचियों को जमकर चूस रहा था. मैं प्रवीन के नीचे दबी हुई थी.
प्रवीन मेरे ऊपर होने के कारण उसका लंबा मोटा फौलादी केला मेरी जांघों के बीच में मेरी बिल्ली पर ठोकर मार रहा था. कमरे में मेरी जोर जोर से सिसकारियां गूंज रही थी- आहह हहह उई उई मां आह ओह ईईई …ऊऊऊ ऊउम मम्मम आह हहह … मां आह ओह ईईई ऊऊ! अब मैं भी अपनी बिल्ली को उछालने लगी थी. तभी प्रवीन मेरी दोनों टांगें चौड़ी करके अपना केला मेरी बिल्ली पर रगड़ने लगा जिससे मुझे अजीब सा आनन्द आ रहा था. फिर प्रवीन अपना मुंह मेरी बिल्ली पर लगा कर चूसने लगा.
मैं अपने होशोहवास खो बैठी थी और मैंने अपने हाथों से प्रवीन का सर अपनी बिल्ली पर जोर से दबा लिया और बिल्लीड़ को उछालने लगी. “आह ओह ईई ऊऊ … उम आह हहह … उई मांह” तभी प्रवीन ने अपना केला मेरी बिल्ली के मुंह पर लगाकर एक जोर का धक्का मारा.
मेरे मुंह से एक लंबी दर्द भरी चीख निकल गई- आह ओह ईईई ऊऊच ऊं … उई मां मर गई … आह ओह ईईई … ऊऊऊ! प्रवीन का केला मेरी बिल्ली को फाड़ता हुआ अंदर घुस चुका था. लेकिन प्रवीन ने मेरी चीखों पर ध्यान ना देकर ताबड़तोड़ तगड़े धक्के लगाकर अपना लंबा मोटा फौलादी
केला मेरी बिल्ली में जड़ तक पहुंचा दिया. मेरी आंखों में आंसू आ गए दर्द के कारण … मेरी बिल्ली से खून की धार छूट गयी थी. दर्द के मारे मैं अपना सर इधर उधर पटकने लगी थी. मेरी जोर जोर से दर्द भरी चीखें निकल रही थी- आह हहह उई मां मरर गई … आह ओह … ईईई ऊऊऊ … ऊचच चचच … उममह ममम … आह हहह … उई मां! प्रवीन ताबड़तोड़ धक्के मार मार कर मेरी बिल्ली के चीथड़े उड़ा रहा था. उसका केला हर धक्के पर मेरी बच्चेदानी में जा रहा था. अपना एक हाथ मैंने अपनी बिल्ली पर लगा कर देखा तो प्रवीन का पूरा केला मेरी बिल्ली में तेजी से अंदर बाहर हो रहा था. मैंने बिल्ली पर और प्रवीन के केला पर उंगलियां लगाई तो मेरे हाथ पर काफी सारा खून लग गया था. मैं समझ गई कि प्रवीन ने अपने लंबे मोटे फौलादी केला से मेरी सील तोड़ दी. इस कारण मेरी बिल्ली से काफी खून निकल रहा था. तभी मेरी बिल्ली ने पानी छोड़ दिया और मुझे अब दर्द के बजाए आनन्द आने लगा था. अब मेरी दर्द भरी के सिसकियों के साथ साथ मस्ती की भरी सिसकारियां भी गूंजने लगी और मैं अपनी बाहों में प्रवीन को जकड़ कर
अपनी बिल्ली ऊपर उछालने लगी. इस कारण प्रवीन की जांघें मेरी जांघों से जोरों से टकराकर पट्ट पट … फच फच … फच फच की आवाजें हो रही थी. प्रवीन काफी ताकत से मुझे ताबड़तोड़ पेल रहा था. मैं अब तक दो बार झड़ चुकी थी लेकिन प्रवीन रुकने का नाम नहीं ले रहा था. बहुत देर तक पेल ने के बाद प्रवीन ने मेरी दोनों टांगें उठा कर अपने कंधों पर रख ली और ताबड़तोड़ अपना केला मेरी बिल्ली में पेलने लगा. प्रवीन का केला मेरी बच्चेदानी को हर बार ठोकर मार रहा था जिस कारण मैं बार-बार उछल रही थी. हर 15 -16 धक्कों पर मेरी बिल्ली पानी छोड़ कर झड़ रही थी. और मेरे चार बार झड़ने पर प्रवीन ने ताबड़तोड़ धक्के लगाकर अपना लौड़ा मेरी बिल्ली में जड़ तक पहुंचा कर अपना वीर्य मेरी बिल्ली में उड़ेल कर मेरी पूरी बिल्ली अपने केले के पानी से भर दी. मुझे प्रवीन का गर्म गर्म पानी अपनी बिल्ली में महसूस हो रहा था और पानी की गर्माहट बिल्ली के अंदर काफी अच्छा सुकून दे रहा था. इस कारण मेरी दोनों आंखें बंद होकर मैंने अपने होठों को प्रवीन के होठों से बढ़ा दिया था. प्रवीन मेरे ऊपर ही इसी हालत में लेट गया.
अभी भी प्रवीन का केला मेरी बिल्ली के अंदर था और मेरी बिल्ली का पानी और प्रवीन का पानी दोनों मिलकर मेरी बिल्ली से बह रहे थे. कुछ देर लेटने के बाद प्रवीन मुझसे अलग हुआ तो उसका केला भी उछलकर मेरी बिल्ली से बाहर हो गया. इस कारण ढेर सारा पानी और मेरी बिल्ली का पानी बेड की चादर पर गिरने लगा. प्रवीन ने पूरे सप्ताह दारू पीकर रात दिन मुझे पेल पेल कर लड़की से औरत बना दिया. अब मुझे भी अपने अंदर एक भरपूर औरत होने का अहसास होने लगा था और मेरी दोनों चूचियां और दोनों बिल्लीड़ का साइज बढ़ गया था. इस पूरे सप्ताह में प्रवीन ने फुल पेलाई का मजा लेकर मुझे तकरीबन 40 बार जमकर पेला. फिर 1 दिन ऑफिस में मुझे उल्टियां हुई और महीने पर पीरियड ना आने के कारण मुझे प्रेग्नेंट होने का पता चला. तो घबराकर मेरी जान निकल गई. यह बात मैंने प्रवीन को फोन पर बताई तो प्रवीन ने अपने एक विश्वास के डॉक्टर से संपर्क कर मेरी प्रे
गनेंसी गिराकर रुकवा दी.
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